Tuesday 15 September 2015

चलें संग संग एक नए सफ़र पर...

दोस्‍तो, देश भर में अपनी तमाम यात्राओं के दौरान मैं अपने अनुभवों को हमेशा फेसबुक स्‍टेटस आदि के जरिए आपके साथ साझा करता रहा हूं. मगर कभी उन्‍हें एक स्‍थान पर नहीं सहेजा जा सका. फेसबुक पर आपका प्रोफाइल अपने सुख-दुख बांटने की आपको कुछ सुविधाएं देता है तो उसकी कुछ अपनी सीमाएं भी हैं.ब्‍लॉग की दुनिया इस समस्‍या का समाधान करती है और साथ ही अपने अनुभवों को और विस्‍तार देकर लिखने का एक अवसर भी. इसलिए कुछ मित्रों की सलाह पर यात्राओं को समर्पित इस ब्‍लॉग की शुरूआत कर रहा हूं. ब्‍लॉग की शुरुआत करते समय पहला सवाल इसकी भाषा को लेकर मेरे सामने खड़ा था. ब्‍लॉग अंग्रेजी में बनाया जाए या हिन्‍दी में? हां, देश के बाहर के पाठकों तक ब्‍लॉग की पहुंच बनाने के लिए निश्चित ही अंग्रेजी एक सही माध्‍यम हो सकता है मगर वहां तो पहले ही सैकड़ों ब्‍लॉग और वेबसाइट अंग्रेजी के पाठकों की जिज्ञासाओं को शांत कर रहे हैं. मगर ट्रैवल ब्‍लॉगिंग में अभी हिन्‍दी में इने-गिने ही ब्‍लॉग मौजूद हैं जहां हिन्‍दी के पाठक देश अौर दुनिया के बारे में रोचक जानकारियां, लेख अौर यात्रा वृत्‍तांत पढ़ सकते हैं. मुझे हमेशा लगता है कि हिन्‍दी के पाठकों को भी यात्राओं पर और अधिक स्‍त्रोत उपलब्‍ध होने चाहिएं. कुछ लोग पहले से ही इस दिशा में उम्‍दा काम कर रहे हैं. मुझसे पहले हिन्‍दी ट्रैवल ब्‍लॉगिंग की दुनिया में काम कर रहे साथी लेखकों को सलाम.....मैं बस उनकी टोली में एक और साथी की हैसियत से जुड़ना चाहता हूं. हम सभी जानते हैं कि हर शहर, हर जगह को देखने की हर शख्‍स की अपनी खास नज़र होती है.....तो ये ब्‍लॉग पहले से देखे या अनदेखे पड़ावों और म‍ंजिलों के लिए एक और नज़र भर है. 

मैं चाहता हूं कि मेरी हर यात्रा में आप सब मेरे हमसफ़र बनें...आप सब भी मेरे साथ-साथ थोड़ी-थोड़ी घुमक्‍कड़ी करते चलें. यहीं पर हम साथ-साथ यात्राओं पर निकलेंगे अौर अनुभवों पर बात करेंगे. और हां, यदि फेसबुक पर मौजूद हैं तो मेरे एक फेसबुक पेज घुमक्‍कड़ी से भी जुड़ सकते हैं जहां इस ब्‍लॉग से इतर कुछ तस्‍वीरें और छोटे-छोटे अनुभव अौर इस ब्‍लॉग की हर अपडेट के लिंक आपके पास फेसबुक पर एक्टिव रहते हुए ही पहुंच सकेंगे. 

तो चलिए शुरू करते हैं एक रोमांचक सफ़र.........